योगी
Wednesday, 27 September 2017
मुक्तक मलाई धन सम्पत्ति अनि त्यो शहर देऊन बारम्बार मीठा अनी सुनौला रहर देऊन सबैले यसै भनि भन्छन् भगवान् सँग सधै ऊ बिना बाँच्न भन्दा बरू दैव जहर देऊन
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