Tuesday, 23 November 2021

हिन्दी

आज हिन्दी में

चलता रहा सिलसिला आना  जाना तेरा
दिलको मुस्किल हो गया मुस्कुराना तेरा
! ! 
गुस्ताखी माफ करना यूँ हीं छेड्ता हूँ तुजे
बहूत पसंद है गुलाबी  होठका ना ना तेरा
! ! 
कम्वख्त  दिलको प्यार कोही करता नहीं 
चाहतें तो हम भी हैँ वो हात दबाना तेरा
! ! 
जाहिर कर दिया दिलकि बात हम ने तो
क्या क्या छुपा दिल में राज बताना तेरा
! ! 
बादल मुझको छोडकर चले जानेके बाद
हुआ होगा जिन्दगीका सफर सुहाना तेरा
! ! 
छुपता हैं तुझे देखकर चाँद हम  क्या है ? 
दिलका गुजारिश थोडा श्रृंगार घटाना तेरा
! ! 
अरे बुढे भी जवानीका दुआ माग्ने लगे है
सरक गया  हैं   दुपट्टा थोडा  उठाना  तेरा
! ! 
जरा सोच लेना रुकमणी बनेगी या राधा ? 
मैं तो हमेशा साथ रहूँगा बनके काना तेरा
! ! 
जा रहा हूँ मैं बता देना दिल मे कूछ हे तो
बादमे बरस न जाये  आँसू का दाना तेरा

प्रकाश पाठक "योगी"
भरतपुर २३ जगतपुर
चितवन नेपाल 
हाल :- दोहा कतार


गजल


मेरो आँखा भित्र कहिले पानी भएन
यहाँ विश्वास गर्ने उस्को बानी भएन
! ! 
आजै मेरी हौ भन्थेँ हात समाइ प्रिय
तिमीले सोचेँ झैँ मेरो  जवानी भएन
! ! 
पढ को छ दिलमा भन्यौ म के गरूँ
हृदयमा पुग्ने आँखाको नानी भएन
! !
प्रेम सबै गर्छन् भनि कसरी पत्याउँ
कोही मेरो   चितासँगै  जानी भएन
! ! 
रहर सधैँ यस्तो पलाउँछ यो मनमा 
ठूली छ जीवनमा तर 'सानी' भएन

इसारों इसारो से   हमें   लुभाता हे कोही
ख्वाबो खयालों मे हमेशा आता हे  कोही
! ! 
आँसु बनके बहजाएगा सम्भालो अभी से
दिलके टुकडे को आँखमे छुपाता हे कोही
! ! 
हम तो पत्थर थें जो रास्ते पे आते रहेते थे़
सोचो भुलकर  आग  से टकराता हे कोही
! ! 
पश्चातप होगा जब वक्त  निकल  जायगा
अरे ! दिलकी बात दिलमे दबाता हे कोही
! ! 



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