Saturday, 10 March 2018

हिन्दी गजल

"गजल"

झुकाकर पल्के मुस्कुराकर देखों
दिलमे प्यार थोडा छुपाकर देखों
!!
हम गुलाब के तरह खिल जाएगें
एक नजर जरा तुम उठाकर देखों
!!
स्वर्ग  कि  आभास यही   मिलेगा
जरा जवानी हम पे लुटाकर देखों
!!
में आवारा अब तो सुधर जाउंगा
मैं लैला तुम मजनू बताकर देखों
!!
अरे ! दुनियां क्या हे पता  चलेगा
हमारा प्यार सबको सुनाकर देखों

प्रकाश पाठक "योगी"
भरतपुर २३ जगतपुर
हाल :- चेन्नई भारत

No comments:

Post a Comment