Friday, 16 March 2018

हिन्दी गजल

"गजल"

झुकाकर पलकें मुस्कुराकर देखो
दिलमे प्यार थोडा छुपाकर देखो
!!
हम गुलाब कि तरह खिल जायेंगे
एक नजर जरा तुम उठाकर देखो
!!
जन्नतकि आवास  यही   मिलेगा 
जरा जवानी हम पे लुटाकर देखो
!!
आवारा था अब तो सुधर जाउंगा
मुझे अपने प्यारमे झुकाकर देखो
!!
ये दुनियां क्या है पता तब चलेगा
मेरे बारे में सबको सुनाकर देखो

प्रकाश पाठक "योगी"
भरतपुर २३ जगतपुर
हाल :- चेन्नई भारत

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